*तेरा दूर से दीदार
*तेरा दूर से दीदार करना भी इबादत है,*
*तेरे दर पर सर झुकाना भी इबादत है,*
*ना पोथी, ना मत्रं, ना माला ना सजदा,*
*तुझे हर पल याद करना भी इबादत है*🙏
*तेरा दूर से दीदार करना भी इबादत है,*
*तेरे दर पर सर झुकाना भी इबादत है,*
*ना पोथी, ना मत्रं, ना माला ना सजदा,*
*तुझे हर पल याद करना भी इबादत है*🙏