*बिकती है ना ख़ुशी कहीं*,
*ना कहीं गम बिकता है..*.
*लोग गलतफहमी में हैं*,
*कि शायद कहीं मरहम बिकता है..*.
*इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है,*
*उम्मीदों से ही घायल है और*
*उम्मीदों पर ही जिंदा है…!!
*🌹🌹शुभ प्रभात 🌹🌹🌹राधे राधे 🌹🌹
*बिकती है ना ख़ुशी कहीं*,
*ना कहीं गम बिकता है..*.
*लोग गलतफहमी में हैं*,
*कि शायद कहीं मरहम बिकता है..*.
*इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है,*
*उम्मीदों से ही घायल है और*
*उम्मीदों पर ही जिंदा है…!!
*🌹🌹शुभ प्रभात 🌹🌹🌹राधे राधे 🌹🌹