बाङमेर सिर्फ हमारा
बाढाणा
वो गर्मीयो की शाम,
वो ‘ऊतरलाई रेलवे फाटक’ का जाम,
वो “जैसलमेर रोड” की हवा,
वो माणक हॉस्पिटल की दवा”,
वो नेशनल हेडलूम की “शाँपींग”,
वो ढाणी बाजार की”हिटिंग”
वो “चाईनीज वाले” की “पावभाजी,
वो “महेश” की ” टिक्की
” वो “सोनु ” का “शेक”,
और “सुभास बेकरी “का “केक”,
वो ” kalu baba ke masur “barger”,
वो ” भानजी” का “समोसा”,
वो “लवली” की *Real-Gold* “चाय”,
वो जोदा जी की नमकीन,
वो दलूजी का ब्रेड पकोडा
और जोधपुर मिष्ठान भण्डार की रबडी ओर कचोरी
वो गर्ल स्कूल के नजारे,
वो माहविर पार्क के ठंडे “फवारे”,
वो महीला काँलेज” की “सडके”,
जहा कितने “दिल” धडके,
वो मस्ती की बाते,
ऐसी है कुछ हमारे “बाङमेर” की “यादे”
भाई बाज़ार मैं नया है बाङमेर
वाले है तो आगे FORWARD करो